Saturday 21 May 2011

दिवंगत प्रचारक - स्व. श्री नरमोहन जी


स्वर्गीय श्री नरमोहन जी
जन्म - 3 नवम्बर, 1946    स्वर्गवास - 3 नवम्बर, 2004
       श्री नरमोहन जी का जन्म 3 नवम्बर, 1946 को बांसवाडा में हुआ । इनकी प्रारम्भ से लेकर अन्त तक की सारी शिक्षा इसी क्षेत्र में हुई । बांसवाड़ा में संघ के स्वयंसेवक बनने के बाद इन्होने संघ का प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष का प्रशिक्षण प्राप्त किया ।

       श्री नरमोहन जी 1968 में संघ के प्रचारक निकले । प्रचारक बनने के बाद वर्षो तक इनका कार्य क्षेत्र राजस्थान ही रहा । कई वर्षो तक उदयपुर, दौसा आदि जिलो में प्रचारक रहने के पश्चात वे उदयपुर विभाग प्रचारक व 1989 से 1992 तक जोधपुर के संभाग प्रचारक भी रहे । 1992 में राजस्थान के 3 प्रान्त बनने के बाद 1992 से 1994 तक जोधपुर प्रान्त के सह प्रान्त प्रचारक रहे, उस समय श्री लक्ष्मण सिंह जी शेखावत प्रान्त प्रचारक थे । इसके बाद 1994 से 1997 तक जोधपुर प्रान्त प्रचारक रहे । 1997 में इन्हें मध्य क्षेत्र में भेजा गया जहाँ वे पहले मध्य भारत के प्रान्त प्रचारक रहे इसके पश्चात इन्हे मध्य क्षेत्र प्रचारक का दायित्व दिया गया ।

      विभिन्न स्थानों पर प्रचारक रहते हुए इन्होने अपने कुशल व मधुर व्यवहार से हजारो स्वयंसेवको का निर्माण किया । नरमोहन जी एक अच्छे योजक भी थे । इनके सम्पर्क में जो भी आया वो संघ का अच्छा स्वयंसेवक व कार्यकर्ता बना । 

       उनका 3 नवम्बर, 2004 को हरिद्वार में प्रातःकाल हृदयाघात हो जाने के कारण निधन हो गया, वे 58 वर्ष के थे । ये भी अपने पिताजी के समान ही जन्म दिन पर मोक्ष धाम को प्राप्त हुए । कनखल, हरिद्वार में गंगा किनारे इनका दाह संस्कार किया गया । संघ के अ.भा. कार्यकारी मण्डल की बैठक में भाग लेने के लिए वे हरिद्वार में गये हुए थे । इनकी शव यात्रा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प.पू.सरसंघचालक मा.सुदर्शन जी, सरकार्यवह मा.मोहनराव जी भागवत, वि.हि.प.के कार्यकारी अध्यक्ष श्री अशोक जी सिंहल, आचार्य गिरिराज किशोर जी, श्री प्रवीण भाई तोगडिया तथा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित कार्यकारी मण्डल की बैठक में भाग लेने पहुँचे सभी कार्यकर्ता तथा समाज के कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे । इनकी शव यात्रा में शामिल होने के लिए मध्य क्षेत्र के कार्यकर्ता व राजस्थान के जयपुर, दौसा, राजसमन्द, उदयपुर, बांसवाडा, डूंगरपुर, भीलवाड़ा, जोधपुर, पाली, सिरोही, जालौर, जैसलमेर, बीकानेर समेत कई जिलो के सैंकड़ो स्वयंसेवक हरिद्वार पहुंचे थे । 




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