Monday 13 June 2011

प.पू.सरसंघचालक जी रैवासा में-13.6.2011


राजस्थान पत्रिका, सीकर-14.6.2011
       सीकर। रैवासा स्थित जानकीनाथ वेद विद्यालय के सोमवार को हुए दीक्षांत समारोह में वेद पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि दुनिया सत्य जानने के लिए भारत से अपेक्षा रखती है। भारत वेदों के माध्यम से दुनिया को सत्य और शांति का रास्ता दिखा सकता है। उन्होंने कहा कि वेदों को हिन्दू समाज के साथ जोड़ दिया गया, लेकिन वेद सभी के लिए हैं। हालांकि हिन्दुओं ने ही वेदों को जीवित रखा है। इस आधार पर हिन्दू के वेद कहना गलत होगा।
       उन्होंने कहा कि आम भारतीय आज भी वैदिक परम्परा के अनुसार जीवन व्यतीत कर रहा है, लेकिन इस विपरित तंत्र में घुटन महसूस कर रहा है। दुनिया और आम व्यक्ति को बाहर निकालने के लिए हमें वेदों के अनुसार जीवन जीना होगा। वेदमय आचरण बनाकर दुनिया को सत्य से रू-ब-रू करा सकते हैं। इसके लिए वेदों को पढ़कर समझना होगा और उनके अनुसार जीना होगा।

संतुलित करता है धर्म
       मोहन भागवत ने कहा कि दुनिया के पास शरीर, मन और बुद्धि है, लेकिन इन तीनों को जोड़ने वाली आत्मा और धर्म नहीं है। धर्म के बिना तीनों में तालमेल नहीं बैठ सकता है। उन्होंने कहा कि साधना पूर्ण करने में कामना पूरी नहीं होती और कामना पूरी करने में अर्थ लाभ नहीं होता। जब मोक्ष प्राप्त करना है तो दोनों को छोड़ना पड़ेगा। इसलिए भारत के पास ही तीनों को जोड़ने और आपस में संतुलित करने वाली शक्ति है। उन्होंने कहा कि अर्थ-काम-मोक्ष में धर्म और आत्मा संतुलन स्थापित करती है।

वेद मंत्रों से स्वागत
       मोहन भागवत के वेद विद्यालय में प्रवेश करते ही छात्रों ने वेद मंत्रों का सस्वर पाठ कर उनका स्वागत किया। विद्यालय के प्रवेश द्वार से जानकीनाथ मंदिर तक लगातार वेद मंत्रों का उच्चारण चलता रहा। इस दौरान भागवत ने मंदिर के दर्शन करके रैवासापीठ व विद्यालय की जानकारी ली।

मंच पर नहीं बैठे तिवाड़ी
       पूर्व शिक्षा मंत्री घनश्याम तिवाड़ी को दीक्षांत समारोह का अध्यक्ष बनाया गया, लेकिन वे मंच पर नहीं बैठे। उनकी जगह उनके पुत्र अखिलेश तिवाड़ी मंच पर बैठे। इस दौरान अखिलेश ने कहा कि राजनेता राजर्षि के रूप में कार्य करें, ताकि समाज में प्रेरणा का संचार हो।

प्रजांतत्र पर उंगली
       वेद मर्मज्ञ दयानंद भार्गव ‘विपुल’ ने कहा कि प्रजातंत्र राग-द्वेष पर टिका हुआ तंत्र है। इस कारण देश में प्रजातंत्र पर उंगली उठने लगी है। इसे देखते हुए इसे अंतिम प्रणाली नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने आशा जताई कि वेदों के माध्यम से देश में प्रेमतंत्र प्रणाली आएगी। संसार के लोग देश में वेद के बारे में सीखने आएंगे। उन्होंने वेद को ब्रह्मांड का संविधान बताया।

संस्कृत पर संकट
       संस्कृत विद्वान व समारोह के मुख्य वक्ता कलानाथ शास्त्री ने कहा कि देश में वेद पर काफी अध्ययन और शोध चल रहा है, लेकिन संस्कृत भाषा पर संकट के बादल छा रहे हैं।
       उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को वेद ऋचाएं कंठस्थ है, लेकिन अर्थ नहीं जानते। कुछ लोग अर्थ जानते हैं, लेकिन उन्हें वेद याद नहीं है। उन्होंने कहा कि समाज के सहयोग से गुरूकुल संचालित होते थे। इस कारण गुरूकुल राजा और राजनीति से अछूते रहे।

यह थे उपस्थित
       दीक्षांत समारोह में पुरूषोत्तम दास महाराज, हरीकृष्ण, बाल मुकुन्दाचार्य, प्रो. आनंद पुरोहित, भाजपा जिलाध्यक्ष हरीराम रणवां, पूर्व जिलाध्यक्ष महेश शर्मा, पूर्व विधायक राजकुमारी शर्मा, बलवंत सिंह चिराना, सरपंच मदन लाल आदि उपस्थित थे। समारोह में मंचस्थ अतिथियों ने छात्रों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर आशीर्वाद दिया। इस दौरान रैवासा पीठाधीश्वर राघवाचार्य महाराज ने ग्रंथ भेंट किए। संचालन कौशलेन्द्र दास ने किया।

प्रशिक्षण शिविर में रहेंगे मोहन भागवत
       राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत छह दिवसीय प्रवास पर सोमवार रात को सीकर पहुंच गए। वे यहां सांवली मार्ग स्थित आदर्श विद्या मंदिर में चल रहे आरएसएस के द्वितीय वर्ष के राजस्थान स्तर के प्रशिक्षण वर्ग में उपस्थित रहेंगे। रामलीला मैदान में 17 जून को प्रशिक्षण वर्ग के शिविर के समापन समारोह में मोहन भागवत स्वयंसेवकों और आमजन को सम्बोधित करेंगे।




राजस्थान पत्रिका, सीकर-14.6.2011
http://epaper.patrika.com/6044/Rajasthan-Patrika-Sikar/14-06-2011#p=page:n=7:z=2

दैनिक भास्कर, सीकर-14.6.2011



मा.मोहनराव जी भागवत
[प.पू.सरसंघचालक]
श्री जानकी नाथ वेद विद्यालय दीक्षान्त समारोह, 
13.6.2011 रैवासा (सीकर)
छाया चित्र





































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